चीन से तनातनी के बीच एलएसी की छह नई चोटियों पर भारतीय सेना ने जमाया डेरा

नई दिल्ली। चीन के साथ तनातनी के बीच भारतीय सेना ने पिछले तीन हफ्ते में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर छह नई चोटियों पर डेरा जमाया है। 29 अगस्त से सितंबर के दूसरे हफ्ते के बीच भारतीय सेना मागर हिल, गुरुंग हिल, रेचन ला, रेजांग ला, मुखपरी और फिंगर 4 के नजदीक एक ऊंची चोटी पर काबिज हुई है। रणनीतिक रूप से अहम इन चोटियों से चीनी सेना की हरकतों पर नजर रखना आसान हुआ है।


सभी चोटियां एलएसी पर भारतीय सीमा में हैं, इन चोटियों पर कब्जे की फिराक में था चीन


सूत्रों का कहना है कि ये सभी चोटियां एलएसी पर भारतीय सीमा में हैं। इन पर सेना का डेरा नहीं था। चीन की सेना इन चोटियों पर कब्जा करना चाहती थी। अब यहां भारतीय सेना ने डेरा जमाकर चीन को सख्त संदेश दिया है।


चोटियों पर कब्जे को लेकर भारत-चीन सीमा पर 45 साल बाद गोली चली


इन चोटियों पर कब्जे की चीन की कोशिशों के चलते ही एलएसी पर पिछले कुछ दिनों के भीतर तीन बार गोलियां चली हैं। भारत-चीन सीमा पर 45 साल बाद गोली चली है।


चोटियों पर भारतीय सेना के कब्जे के बाद चीन ने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी


इन चोटियों पर भारतीय सेना के कब्जे के बाद चीन ने रेजांग ला और रेचन ला के नजदीक अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। चीन की आक्रामकता के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवाने की निगरानी में गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।



 

 


गलवन में हिंसक झड़प के बाद भारत ने सीमा पर हथियार प्रयोग नहीं करने की नीति में किया बदलाव


गलवन घाटी में चीनी सेना की चालबाजी के कारण जून में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने सीमा पर हथियार प्रयोग नहीं करने की नीति में भी बदलाव कर दिया है। गलवन में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। विभिन्न रिपोर्टो में सामने आया है कि चीन के भी करीब 40 सैनिक इस घटना में मारे गए थे। हालांकि चीन ने आज तक अपने मारे गए सैनिकों की जानकारी नहीं दी है।