कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आक्सीजन का संकट

जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आक्सीजन लाइफ लाइन साबित हो रहा है। मांग बढ़ने के साथ ही संकट गहराने लगा है। आपूर्तिकर्ता अवसर का लाभ उठाते हुए कालाबाजारी तेज कर दिए हैं। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति विकट हो जाएगी।


   सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में नियमित मांग के अतिरिक्त महामारी के कारण खपत दो गुनी बढ़ गई है। कोविड अस्पतालों के अलावा होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को भी डिमांड बढ़ने के कारण बड़ा सिलेंडर 300 की जगह 350 से 450 रुपये में जबकि छोटा सिलेंडर 100 की जगह 150 से 250 रुपये में मुश्किल से मिल रहा है। इतना ही नहीं हर सिलेंडर में आक्सीजन भी कम होने की शिकायत है। वाराणसी व इलाहाबाद से होती है आपूर्ति



     जौनपुर: जनपद में तीन लाइसेंसी आक्सीजन गैस वितरण करते हैं। जिले में इलाहाबाद व वाराणसी के प्लांटों से आपूर्ति होती है। जिले के वितरकों के अनुसार आक्सीजन के कई प्लांटों में ताला लग गया है। जिसके चलते उत्पादन प्रभावित हो गया है। बीस से 25 घंटे कतार में लगने के बाद किसी तरह भरे सिलेंडर मिल पा रहे हैं। प्लांट पर भी 250 रुपये बड़ा सिलेंडर का लिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग में पहले से कम में टेंडर होने के कारण वितरक आपूर्ति करने में अब हीला-हवाली करने लगे हैं। कोविड अस्पतालों में आक्सीजन कंसंट्रेटर बना सहारा


जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के मरीजों के लिए जनपद में बनाए गए कोविड अस्पतालों में आक्सीजन कंसंट्रेटर सहारा बना है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एल-1 अस्पताल में पांच और जिला महिला चिकित्सालय के एमसीएच विग के एल-2 अस्पताल में 25 आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए गए हैं।


    सीएमओ ने बताया कि प्रति कंसंट्रेटर से चार से पांच लीटर प्रति घंटे आक्सीजन स्वत: प्राप्त हो जाता है। यह सामान्य मरीजों के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। वहीं हर दिन 30 बड़े सिलेंडर व पांच छोटे सिलेंडर की खपत गंभीर मरीजों में होती है। कोविड अस्पतालों के लिए 105 बड़े और 250 छोटे सिलेंडर हैं। कई प्लांटों के बंद होने और मांग बढ़ने के कारण आपूर्ति में इधर बीच समस्या आ रही है। समस्या के समाधान के लिए डीएलओ से वार्ता की जा रही है। जनपद में आक्सीजन सिलेंडर की समस्या न हो इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। किसी अस्पताल व मरीज को आक्सीजन में मिलने में समस्या हो अथवा अधिक मूल्य लिया जा रहा हो तो वह मुझसे संपर्क कर सकता है।


अमित बंसल, औषधि निरीक्षक