राज्यसभाः उपसभापति से दुर्व्यवहार करने वाले सांसदों के खिलाफ आज लाया जा सकता है निलंबन प्रस्ताव

राज्यसभा में रविवार को उप सभापति हरिवंश से दुर्व्यवहार के मामले में विपक्षी सदस्यों के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव लाया जा सकता है। संसदीय कार्य मंत्री नियम 256 के तहत सोमवार को सदन में यह प्रस्ताव ला सकते हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। हालांकि सदस्यों के निलंबन का अंतिम निर्णय सभापति वेंकैया नायडू करेंगे। 


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री ने कहा है कि इसके लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय सभापति वेंकैया नायडू लेंगे। सूत्र ने आगे बताया कि राज्यसभा में हंगामे की वीडियो फुटेज की हर स्तर पर जांच की जाएगी। इस वीडियो से यह पता चल जाएगा कि दुर्व्यवहार किस हद तक हुआ था।
राजनाथ सिंह ने दिया बयान
बता दें कि इससे पहले राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का अनादर करने के मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान विपक्ष को नसीहत दी थी। राजनाथ ने कहा कि सदन में चर्चा कराना सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी है, लेकिन विपक्ष का भी यह भी कर्तव्य है कि सदन की गरिमा बनाए रखे।


उन्होंने कहा, राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ वह दुखद, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण था। जब-जब संसद की मर्यादा टूटती है, तब-तब लोकतंत्र की गरिमा पर आंच आई है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ के अलावा प्रकाश जावड़ेकर, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, थावर चंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी शामिल थे।


राजनाथ ने कहा, जो भी हुआ है, वह संसद की गरिमा के अनुसार नहीं हुआ है। कुछ सांसदों के द्वारा उपसभापति के साथ जैसा आचरण किया गया, उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। संसदीय गरिमा का उल्लंघन हुआ। आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना काफी दुखद था। संसदीय इतिहास में कभी ऐसी घटना ना ही लोकसभा, ना ही राज्यसभा में हुई है।


हरिवंशजी के साथ दुर्व्यवहार हुआ है, इसे पूरे देश ने देखा है। वे मूल्यों के प्रति विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं। राजनाथ सिंह ने कहा, दोनों विधेयक ऐतिहासिक हैं। केवल भ्रामक तथ्यों के आधार पर किसानों को गुमराह किए जाने की कोशिश की जा रही है। इनसे किसानों की आय बढ़ेगी। किसानों की आय दोगुना करने की तरफ यह बड़ा कदम है।