गलवन घाटी के शहीदों के लिए बनाया गया स्मारक, सभी 20 भारतीय जवानों के नाम हैं अंकित

15 जून की रात गलवन घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। झड़प में 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू समेत अन्य सैनिक शहीद हो गए थे। चीन पीएलए के जवानों ने सीमा पर घुसपैठ का प्रयास किया था।


   श्रीनगर, जेएनएन। पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के नाम केएम-120 पोस्ट पर स्मारक बनाया है। इस युद्ध स्मारक पर 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू समेत अन्य सभी शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं। स्मारक यूनिट ने स्वयं दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग पर बनाया है।


      आपको जानकारी हो कि 15 जून की रात गलवन घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। झड़प में 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू समेत अन्य सैनिक शहीद हो गए थे। दरअसल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने सीमा पर घुसपैठ का प्रयास किया था। भारत के इन 20 वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाकर चीन के इस प्रयास को विफल कर दिया। शहादत पाने वालों में 16 बिहार रेजिमेंट के अलावा 3 पंजाब, 3 मिडियम रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के जवान भी शामिल थे।


    गलवन घाटी के इन शूरवीरों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भी अंकित किए जा रहे हैं। आपको जानकारी हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 25 फरवरी 2019 को शहीद जवानों के सम्मान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्धाटन किया था। ये स्मारक आज़ादी के बाद देश के लिए कुर्बानी देने वाले वीर सैनिकों के सम्मान में तैयार किया गया है। तब बस दिल्ली में सिर्फ एक ही युद्ध स्मारक (इंडिया गेट) था, लेकिन वो प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान लड़ाई के दौरान शहीद हुए 84 हज़ार सैनिकों की याद में अंग्रेज़ों ने बनवाया था। इसके बाद 1971 की लड़ाई में शहीद हुए करीब 4 हज़ार सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति बनाई गई। लेकिन ये पहला मौका है जब स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र के लिए अपनी जान देने वाले जवानों के सम्मान में यह स्मारक बनाया गया।


     आपको यह भी बता दें कि चीन ने झड़प में हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। परंतु अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में बात सामने आई कि इस झड़प में चीन सेना को दोगुना नुकसान हुआ। चीनी पक्ष के करीब 35 सैनिक इस दौरान मारे गए। पूर्वी लद्दाख में 17 जुलाई को लुकुंग अग्रिम चौकी की यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सैनिकों से लड़ाई में अद्भुत शौर्य दिखाने के लिए बिहार रेजिमेंट के सैनिकों की सराहना भी की थी।