अब एक क्लिक से मिल जाएगा संपत्ति का ब्योरा, प्रॉपर्टी को मिलेगा यूनिक आइडी नंबर

अब एक क्लिक से मिल जाएगा संपत्ति का ब्योरा, प्रॉपर्टी को मिलेगा यूनिक आइडी नंबर
 राज्य सम्वाददाता | लखनऊ


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शहरी इलाकों की संपत्तियां अब जल्द ही यूनिक प्रॉपर्टी आईडी से पहचानी जाएंगी। आवासीय से लेकर कमर्शल तक की संपत्तियों की कोडिंग करवाई जाएगी और 17 डिजिट की यूनिक प्रॉपर्टी आईडी से उनकी पहचान हो सकेगी। यूनिक प्रॉपर्टी आईडी से संपत्तियों की पहचान करना तो आसान होगा ही वहीं, नामांतरण और बकाया टैक्स वसूली में भी काफी मदद मिलेगी।


राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों के निकायों में संपत्तियों की पहचान में एकरूपता लाने की कवायद तेज कर दी गई है। प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारियों, नगर आयुक्त और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को संपत्तियों का विवरण तैयार करवाने के निर्देश दिए हैं।


ऐसे होगी संपत्तियों की कोडिंग


संपत्तियों का कोड 17 अंकों का होगा। पहले दो अंक लोकल गवर्नमेंट डॉयरेक्टरी (राज्य कोड) के होंगे। तीन से पांच अंक तक स्थानीय निकाय का कोड होगा। छह से सात अंकों तक स्थानीय निकाय का जोनल कोड होगा। आठ से दस अंकों तक स्थानीय निकाय का वॉर्ड कोड और 11 से 16 अंकों तक संपत्ति का कोड होगा। 17वें अंक के स्थान पर एक विशेष अक्षर संपत्ति के प्रारूप को दर्शाएगा। मसलन R-आवासीय के लिए, N-अनावासीय के लिए और M-मिश्रित प्रॉपर्टी (आवासीय व अनावासीय) के लिए निर्धारित किया गया है।


नामांतरण व टैक्स वसूली में मिलेगी मदद


यूनिक प्रॉपर्टी आईडी से आसानी से उसके मालिक और प्रॉपर्टी के प्रारूप का ब्योरा देखा जा सकेगा। इसके अलावा यूनिक आईडी को संपत्तियों पर निर्धारित टैक्स प्रणाली से भी जोड़ा जाएगा, ताकि उसी से हाउस टैक्स की मौजूदा स्थिति के बारे में भी जानकारी हासिल की जा सके।


डिजिटाइज ब्योरे से ली जाएगी मदद


निकायों में संपत्तियों का कोड निर्धारित करने के लिए डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है। शासन ने जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि डिजिटाइजेशन से संपत्तियों की सूची तैयार कर उसकी कोडिंग करवाई जाए। इसके बाद ई-नगर सेवा पोर्टल के जरिए कोडिंग की व्यवस्था लागू करवाने की तैयारी की जा रही है।
कोडिंग की व्यवस्था भी होगी लागू
लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि जिले में संपत्तियों के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है। कोडिंग की व्यवस्था को भी लागू करवाया जाएगा।